लेखनी प्रतियोगिता -02-Jul-2022 पुरानी यादें
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-हमारी पुरानी यादें(पहेली कविता)
(यह कविता पुरानी याद से संबंधित है। जब हम राह में आगे बढ़ते हैं तो पुरानी यादों को भूल कर नयी यादों को संग में लेकर चलते हैं। और पुरानी यादों को हम कहीं किस कोने में भूल जाते हैं जब हमे उनकी याद आती है तो हम पूरा उन में डूब जाते हैं। मेरी कविता पुरानी याद के भावों को प्रस्तुत कर रही है की पुरानी याद किस तरह हमारे साथ होती हैं उन्हीं के भाव प्रस्तुत है।)
कल तक थे जब हम जिंदा
तब किया था हमें जुदा
अब मरने के बाद
हो रहे हैं तुमसे जुदा
जा रहे हैं आपको छोड़कर
हो रहे हैं इस दुनिया से रुखसत
नहीं रहा हमारा कोई मकसद
अब नहीं सही जाती तन्हाई
जबसे हुई तुमसे जुदाई
बहुत हो गई तुम्हारी बेवफाई
थी तुम्हारे दिल की शहजादी
अब बना दिया तुमने अजनबी
याद आएगी जब हमें तुम्हारी
हम बातें क्या करेंगे तुम्हारी
तुम्हें भी याद आएगी हमारी
थी मैं तुम्हारे दिल की साथी
बहुत पुराना है अपना नाता
हर सुख दुख का बना था सांझा
आ गया जब कोई नया
कर दिया हमें पुराना
जब आएगी हमारी याद
होगा तुम्हें पछतावा
क्यों हमने दी दूसरों को पनाह
जब करोगे तुम हमें याद
आंखें बंद करके पाओगे हमे पास
आंखों से नहीं बरसना
सैलाब बनकर नहीं उमड़ना
होगा हमें भी अफसाना
उस दुनिया से नामुमकिन होगा आना
तुम्हारी थी मैं शुभचिंतक
बनी रहूंगी तुम्हारी ही शुभचिंतक
जब भी हमें ढूंढोगे मिलेंगे तुम्हारे अंदर
नाम है मेरा तुम्हारी पुरानी याद
तुम्हारे दिल के थी बहुत पास
हूं तुम्हारे दिल की बहुत खास
रहना तुम अपनी नयी यादों के साथ
बसेरा बनाए रखना नहीं याद के साथ
तुम्हारी शुभचिंतक
पुरानी याद
Punam verma
04-Jul-2022 12:15 AM
Nice
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Dr. Arpita Agrawal
03-Jul-2022 01:07 PM
वाह 👌👌👌
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Abhinav ji
03-Jul-2022 09:09 AM
Nice👍
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